रायपुर। राज्य के 8 चयनित विद्यार्थी अपने कला का प्रदर्शन “भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कला उत्सव 2019-20” में करेंगे। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में अध्ययनरत छात्र – छात्राओं के प्रतिभा एवं शिक्षा के क्षेत्र में कला के स्थान को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय कला उत्सव 2019-20 का आयोजन किया जा रहा है ।
प्रतियोगिता का स्तर 3 स्वरूप में रखा गया है। प्रथम विकासखंड स्तर, दूसरा जिला स्तर और अंतिम में तीसरा राज्य स्तर है। प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने के लिए राज्य स्तर की प्रतिस्पर्धा से 8 छात्र छात्राओं का चयन किया गया है और जो एमएचआरडी की प्रतियोगिता में शामिल होंगे वह ऋतिक पहरिया 11वीं, प्रो. जेएन पांडेय स्कूल रायपुर, कु. सरोज 10वीं, सेमरा बिलासपुर चित्रकला , प्रभाकर बरेठ 12वीं, संत थाम उमावि सारंगढ़ , निशु बंजारे 11वीं, ज्ञान ज्योति वि. पामगढ़ एकल वादन, राहुल यादव 11वीं शाउमावि खैरागढ़, प्रज्ञा रामटेके 9 वीं , शाउमावि सरोना कांकेर एकल नृत्य, लिलेश ध्रुव 9 वीं, शाउमावि सिलोटी धमतरी, और सारा पांडेय 9 वीं, सेंट फ्रांसिस उमावि बिलासपुर है।
बिलासपुर जिले से दो छात्राएं एकल नृत्य में सारा पाण्डेय और चित्रकला में सरोज अमलेश का चयन किया गया है। इन छात्राओं के चयन पर कलेक्टर डॉ.संजय अलंग और जिला शिक्षा अधिकारी हीराधर ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी है और इनके राष्ट्रीय स्तर में सफलता हेतु शुभकामनाएं दी है।

राज्य स्तर पर आयोजित कला प्रतियोगिता में एकल नृत्य विधा में सेंट फ्रांसिस सीनियर सेकेण्डरी स्कूल की कक्षा 9वीं की छात्रा .सारा पाण्डेय ने कथक शैली में नृत्य प्रस्तुत कर छत्तीसगढ़ में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार चित्रकला प्रतियोगिता में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक सेमरा (गौरेला) की कक्षा 10 वीं की छात्रा सरोज अमलेश को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। सरोज के पिता कृषक हैं तथा वह 100 सीटर कन्या छात्रावास में रहकर अध्ययन कर रही है। दोनों छात्राएं आगामी माह दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगी।
ऋतिक पहरिया ने चित्रकारी में अपनी प्रतिभा दिखाई। ऋतिक मजदूर परिवार से हैं, उन्होंने बस्तर में महिला सशक्तिकरण के रोचक नजारे को कैनवास पर उकेरा है। इसे केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की ओर से आयोजित कला उत्सव 2019-20 के लिए चुना गया है। ऋतिक अपनी चित्रकारी से प्रदेश की चिन्हारी का परिचय दिल्ली में कराने वाले हैं। दिसंबर में राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतिस्पर्धा में ऋतिक हिस्सा लेंगे। वे अब ग्लोबल वार्मिग पर तस्वीर रचकर राष्ट्रीय स्तर पर दमखम दिखाएंगे। ऋतिक के पिता महासमुंद के बागबहरा में रहते हैं। मजदूरी करके परिवार चलाते हैं। मां गृहिणी हैं। ऋतिक ने बताया कि वे रायपुर के टिकरापारा में किराए के मकान में रहते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले बच्चों को पुरस्कार और अन्य प्रतिभागियों को पार्टिसिपेंट प्रमाण पत्र दिया जाएगा। j